मसान जगाना यानी केवल 3 दिनों में भूत प्रेत सिद्धि
मसान जगाने की साधना केवल श्मशान में की जाती है. ध्यान रहे - इस
साधना को केवल इनफार्मेशन देने के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है, क्योंकि किसी भी
गह्रस्थ को तो ये करनी ही नहीं है और कोई साधू या साधक भी जो सिद्ध है, वो ही इसे कर
सकता है साक्षात् अपने गुरु के संरक्षण में. नहीं तो अगर बात केवल एक भूत या प्रेत
की है तो शयद कण्ट्रोल हो भी जाए नहीं तो अगर सारा मसान जाग गया तो वो किसी के भी
बस की बात नहीं होगी क्योंकि वो समय और स्थान उनका होगा.
मसान जगाना यानी केवल 3 दिनों में भूत प्रेत सिद्धि |
ध्यान दें: शमशान दो प्रकार के होते है एक तो होते है
जागृत शमशान और दूसरा होता है सुप्त शमशान. जागृत शमशान वो होते है जिनमे भूत
प्रेत पहले से ही जागृत होते है यानी इस शमशान में भूत प्रेत एक्टिव होते है और वो
लोगों को दीखते है और उनको परेशान भी करते रहते है .. इसी तरह सुप्त शमशान में सब
शांत होते है अगर कोई भूत प्रेत योनी में भी होता है तो वो हिंसक नहीं होता.
शमशान जागृत या तो किसी तांत्रिक द्वारा किया जाता है, मसान जगाने
वाली क्रिया के द्वारा या फिर कुछ और भी कारन इसके होते है.
ये जो विधि है इसमें केवल तीन दिनों में शमशान जागृत हो जाता है और
अगर वो पहले से ही जागृत है तो पहले ही दिन साधक उसका साक्षात्कार कर लेगा. नहीं
तो ज्यादा से ज्यादा 3 दिन बस...
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ये क्रिया आपको शनिवार से प्रारंभ करनी है, समय
है रात के 12 बजे.
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आवश्यक सामग्री : पांच पताशे, पांच बूंदी के
लड्डू, एक लौटा जल और एक मिटटी का दीपक सरसों के तेल का और गोबर के कंडे पर आग लोबान के साथ
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स्थान – शमशान घाट
Masaan Jagaan Kewal Teen Dinon mein Bhoot Pret Siddhi |
क्रिया करने की विधि: एक कोरे और सफ़ेद कागज पर पांच पताशे और पांच
लड्डू रख लें. शमशान के बिलकूल बीचो बिच में या किसी साइड में मतलब कहीं भी, ये
दोनों सामग्री रखें और लोटा जल से चरों और जल की धार से एक सर्किल में पानी डालें
अब बचे हुए जल के लौटे को वहीं रख दें. दीपक प्रज्वलित करें बिलकूल 12 बजे. और इसी
समय कंडे को गर्म करके लाल रखे. उस पर अब लोबान रख दें और उसे सुलगने दें. अब आप मानसिक
रूप से भूत प्रेतों का आवाहन करें. बस हो गया काम पूरा इससे ज्यादा कुछ करने की
जरूरत नहीं है.
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संकेत जो बताएँगे की
भूत प्रेत अब आपके आस पास है, हर इंसान की अपनी एक स्मेल होती है. शमशान एक ऐसी
जगह है जहां इन्सान की जलने की स्मेल तो होती लेकिन फूलों की, दारु की, अगरबत्ती
की, सेंट इत्यादि की स्मेल नहीं होती. लेकिन इस तरह की सिद्धि में इस तरह की
डिफरेंट -२ स्मेल आने लगती है. और इसका सीधा मतलब यही होता है की भूतप्रेत
शक्तियां जागृत हो रही है अब. क्योंकि वास्तविक जीवन में भी सभी इंसान की अपने एक
प्रिय स्मेल होती है और यही लॉजिक वहां लगता है.
Bhoot Pret Jagana, Shamshaan Sadhna, Shav ki Pooja.
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